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  • माननीय ,
    मेरा आपसे एक निवेदन है कि आप मुझे उच्च न्यायालय से संबंधित सहायता प्रदान करे । मेरा नाम सोनिया गुप्ता है।मेरे पति दिल्ली की एक कम्पनी” लार्ड एजुकेशन कंसल्टेंट्स “मे मेनेजर की पोस्ट पर 2016 से कार्यरत थे।कम्पनी के मालिक का नाम विशाल वाधवा है।कम्पनी के द्वारा ही मध्य प्रदेश के एक नागरिक को जो कि स्वयं एक डाक्टर है। डाक्टर राघवेन्द्र तिवारी जी कम्पनी द्वारा 42 लाख के मामले मे ठगे गए।मेरे पति के नाम बिना वजह ये मामला थोपा गया।पुलिस ने ललित गुप्ता यानि मेरे पति को दिल्ली से गिरफ्तार किया बिना गलती के आज मेरे पति जेल मे सजा भुगत रहे है।जबकि सारी गलती आफिस के मालिक की है।उच्च न्यायालय मे आपके पक्ष मे भी यह मुकदमा आया था।आपने बेल की मंजूरी भी दे ही दी थी परन्तु डाक्टर के वकील ने आपसे 20 दिन का छानबीन का समय मांगा। जून मे यह केस निपट कर मेरे पति को बेल मिल जाती पर महामारी कोविड की वजह से मेरे पति का मामला 10 महीने से लंबित है।कोई भी हमारी मदद नही कर रहा।मेरे घर मे मै,मेरे पति,ससुर ओर दो छोटे बच्चे है।माननीय महोदय दया करके हमारी कुछ सुनवाई करे ।कम्पनी का मालिक 10 लाख रुपए जमानत देने को तैयार है।परन्तु दूसरी पार्टी राजीनामे को तैयार नही ।कम्पनी का मालिक सारी रकम चुकाने को तैयार है।मेरे घर के हालात ठीक नही है सर् ।
    केस नं – 57375,ललित गुप्ता
    जबलपुर ,मध्यप्रदेश।
    जज साहब – विशाल मिश्रा
    निवेशक,
    सोनिया गुप्ता
    (पत्नि )।

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